जिस जिसका मैं हुआ नहीं
उसकी जिंदगी सवर गयी
मैं राह देखता रहा जाने किसकी
और इन्ही राहों पे ये जिंदगी गुजर गयी
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
ये कैसा अजब सा प्यार है जिस में ना मिलने की आस ना कोई तकरार है ..दूरियाँ इतनी की सही न जाएँ फिर भी निभाने की चाह बरक़रार है..
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है;उनके इंतज़ार में दिल तरसता है;क्या कहें इस कमबख्त दिल को अब;अपना होकर भी जो किसी और के लिए धड़कता है।