“बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती,
जितनी धोखा खाने से आती है।”
तड़प रहीं हैं मेरी साँसें तुझे महसूस करने को, खुशबू की तरह बिखर जाओ तो कुछ बात बने
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी!
उन को चाहना मेरी मोहब्बत है उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है
पापा हर फ़र्ज़ निभाते हैं,
जीवन भर क़र्ज़ चुकाते हैं
बच्चे की एक ख़ुशी के लिए,
अपने सुख भूल ही जाते हैं
Happy Fathers Day