Kitnaa khouf hota hai shaam ke andheroo mein,
Poonch un parindoo se jin ke ghar nahi hote.
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..
मेरे दोस्तों ने इकट्ठा किया मेरे ही कत्ल का सामान,
मैंने उनसे कहा,
यारो तुम्हारी नफरत ही काफी थी मुझे मारने के लिए……
Wada Na Karo Agar Tum Nibha Na Sako,Chaho Na Usko Jise Tum Pa Na Sako,Dost To Duniya Me Bahot Hote Hai,Par Ek Khas Rakho Jiske Bina Tum Muskura Na Sako