मेरे एक पडोसी है, जिनका नाम है 'भगवान'
और उनकी लड़की का नाम है भक्ति।
मम्मी बोलती है कि, 'बेटा भगवान की भक्ति में मन लगाया कर 'अब मम्मी को कैसे समझाऊ की भक्ति में तो मन लगाता हुँ, पर भगवान नहीं मान रहे…
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
वो मेरे पास से गुजरे और हाल तक ना पूछा
मैं कैसे मान जाऊँ कि वो दूर जाके रोये