जो सिरफिरे होते हैं वही इतिहास लिखते हैं
समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढ़ते हैं
किसी गरीब की झोली में,
जब मैंने एक सिक्का डाला,
तब पता चला कि –
महंगाई के इस दौर में,
दुआएं, आज भी कितनी सस्ती हैं।
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने,कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो,अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
मुझमें कोई छल नहीं, तेरा कोई कल नहीं
मौत के ही गर्भ में, ज़िंदगी के पास हूँ
अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का मैं प्रकार हूँ
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ।