कभी कभी गुस्सा मुस्कुराहट
से ज्यादा खास होता है
क्यूंकि मुस्कुराहट तो सबके लिए
होती है....
मगर गुस्सा सिर्फ उसके लिए
होता है, जिन्हे हम कभी खोना
नहीं चाहते...
शुभचिंतक वो नही होते जो आपसे रोज़ मिलें और बातें करें...
शुभचिंतक वो है जो आपसे रोज़ ना भी मिल सकें
फिर भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें...
सुप्रभात
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मांगना क्योकि…
मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का..!!