चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन,
क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,
खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन।
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!
Hum Bhi Maujood The Takdeer Ke Darwaje Pe,
Log Daulat Par Gire Aur Humne Tujhe Maang Liya.
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….!!