कुछ लोग ज़िन्दगी होते हैं,
कुछ लोग ज़िन्दगी में होते हैं,
कुछ लोगों से ज़िन्दगी होती है,
पर कुछ लोग होते हैं, तो ज़िन्दगी होती है।
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….
रिश्तों की ख़ूबसूरती एक दूसरे की बातें बर्दाश्त करने में है,
ख़ुद जैसा इन्सान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे।
साला क्या समय चल रहा है
खाते हैं तो पचता नहीं
कमाते हैं तो बचता नहीं
ऐसा लगता है कि बटुए में नाथूराम गोडसे बैठा हैं
जो गांधी जी को रहने ही नहीं देता है
😜😜😜😝😝
तुम भी झूमे मस्ती में
हम भी झूमे मस्ती में
शोर हुआ सारी बस्ती में
झूमे सब होली की मस्ती में
हैप्पी होली