मेरी कोशिश हमेशा ही
नाकाम रही..
पहले तुझे पाने की अब
तुझे भुलाने की...
तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत….
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!