फिर वही फ़साना अफ़साना सुनाती हो
दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो
बेक़रार है आतिश इ नज़र से मिलने को
तो फिर क्यों नहीं प्यार जताती हो…!!
कागज़ पे लिखी गज़ल, बकरी चबा गयी !
चर्चा पुरे शहर में हुई, की बकरी शेर खा गयी.
चाँद की हद १ रात तक है,सूरज की हद सिर्फ दिन तक है,हम दोस्ती में दिन-रात नहीं देखते,क्यूंकि हमारी दोस्ती की हद आखरी साँस तक है
Plz call me,its urgent.Ek accident ho gaya hai......Aap ka hi blood group chahiye,Plz mana mat karna..Warna..GADHA mar jayega