हम तो बने ही थे तबाह होने के लिए,
तेरा छोडकर जाना तो महज बहाना था..!!
पहले भी रहा,और ये कुछ तुझ्से मिला हैसरमाया-ए-ग़म तेरी मुहब्बत का सिला हैहो दिल जो परेशाँ, यहाँ होता है तमाशामिल जाए अगर चैन तो काहे का गिला है
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत….
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।