तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
इंसानी जिस्म में सैंकड़ों हैवान देखे हैं,
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|”
समय और जिन्दगी
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ
शिक्षक हैं,
जिन्दगी, समय का
सदुपयोग सिखाती
है और..
समय हमें जिन्दगी
की कीमत सिखाता
है ।
शुभ प्रभात
September main paida honay wale
Bade Punctual hote hai
Easy thodi hai
Correct 9th Month main
Delivery Hona
😄😄😄😄😝😝😝😝