इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..
एक मिनट में ज़िन्दगी नहीं बदलती,
पर एक मिनट सोच कर लिया गया फैसला,
पूरी ज़िन्दगी बदल देता है।
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain