इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
जिंदगी एक फूल है
तो मोहब्बत उसकी खुशबू है
प्यार एक दरिया है
तो महबूब उसका साहिल है अगर
जिंदगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा है
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
Lo Aaj Phir Ronay Laga Hai Asmaan,
Ban Ke Barish..
Shayad Aaj us ko phir
Ehsas Hua Hai Meri Tanhai Ka!