इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..
साला क्या समय चल रहा है
खाते हैं तो पचता नहीं
कमाते हैं तो बचता नहीं
ऐसा लगता है कि बटुए में नाथूराम गोडसे बैठा हैं
जो गांधी जी को रहने ही नहीं देता है
😜😜😜😝😝
सफलता की कहानियां मत पढ़ो
उससे आपको केवल एक सन्देश मिलेगा।
असफलता की कहानियां पढ़ो उससे आपको
सफल होने के कुछ विचार मिलेंगे।
जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे,कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहेबारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हमचुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे...