लबो से चाहत की खुशबू चुराने दो
बहुत हो गया सितम, अब तो पास आने दो..
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
हमारी ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ.
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho