सपनों की मंज़िल पास नहीं होती,ज़िंदगी हर पल उदास नहीं होती,ख़ुदा पे यकीन रखना मेरे दोस्त,कभी-कभी वो भी मिल जाता है जिसकी आस नही होती..
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,में होश में होकर भी अंजान नही होता,ये प्यार ना होता, किसी पत्थर दिल से,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!
मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैंकुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैंकब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बातउस की हर अदा पे हमे प्यार आता हैं