सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ परचमकती चिंगारियाँ-सी चकरा रहीं आँखों की पुतलियों मेंनज़र पे चिपके हुए हैं कुछ चिकने-चिकने से रोशनी के धब्बेजो पलकें मूँदूँ तो चुभने लगती हैं रोशनी की सफ़ेद किरचेंमुझे मेरे मखमली अँधेरों की गोद में डाल दो उठाकरचटकती आँखों पे घुप्प अँधेरों के फाए रख दोयह रोशनी का उबलता लावा न अन्धा कर दे ।
माँ: सोफा लेटने के लिये नहीं बैठने के लिये होता है बेटाबेटा: हा तो चप्पल भी मारने के लिये नही पहनने के लिये होती है…..पड़ी एक और…
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega boho0at hume kho dene ke baad…
निगाहें अब उस हरामखोर को ढूंढ रही हैं..
जिसने यह कहा था हर सफल आदमी
के पीछे एक औरत का हाथ होता है।
उस बेवकूफ आदमी के चक्कर
में हमने भी शादी कर ली है
वर्ना आज हम भी कही कुछ कर गए होते
😡😡😡😡😩😩