“जिंदगी आसान नहीं होती, इसे आसान बनाना पड़ता है…!
कुछ ‘अंदाज’ से, कुछ ‘नजर अंदाज ‘से.!”
वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
अपनी कमियाँ पूरी दुनिया से छिपाइए,
लेकिन अपनी कमियाँ कभी खुद से मत छिपाइए
अपनी कमियाँ खुद से छिपाने का मतलब होता है,
अपने आप को खुद बर्बाद करना