125 साल के एक दादाजी
मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे।
स्वर्ग में खूबसूरत अप्सराओं का नृत्य देख कर दादाजी
फूट-फूट कर रोते हुए बोले,
" साला बाबा रामदेव के चक्कर
में नहीं पड़ता तो कब का यहाँ
पहुँच गया होता।"
टीचर – बेटा कबूतर (Kabutar) पर एक वाक्य बनाओ…
स्टूडेंट – शाम को पी हुई दारु, साली Kab Utar जाती है… पता ही नहीं चलता…
टीचर अभी तक बेहोश है
कल्लू पानवाले और मुहल्ले की कमला का चक्कर चल रहा था।
अब एक दिन कमला के पिताजी पानवाले की दुकान पहुंच गए और बोले:
कमलापसंद है ?
कल्लू नीचे उतरा।
पिताजी के पैर छूकर बोला: जी मुझे कमला पसंद है और कमला भी मुझे पसंद करती है।
बस फिर क्या, बवाल हो गया
दे चप्पल.... दे चप्पल.... दे चप्पल....
सुनो आशिकों! दिल के मरीज के लिए चिकनाई मना है और तुम फिर से 'उनकी' चिकनी चुपड़ी बातों में आ रहे हो।