ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
इस नये साल मे खुशियों की बरसाते हो,प्यार के दिन और मोहब्बत भरी राते हो,रंजिशे नफ़रते मिट जाए सदा के लिए,सभी के दिलो में ऐसी चाहतें हो!!
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
Jis ke naseeb mein hon zamaney ki thokarein…!!
Us bad-naseeb sey na sahar’on ki baat ker…