एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
माता-पिता अपनी बिटिया के लिए सुयोग्य वर खोजते समय दो बातों का ख्याल रखते हैं, एक तो लड़का खाते पीते घर का हो दूसरा वह पीता खाता न हो
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!
Reh na paoge bhula kar dekh lo,
Yakin na aaye to aajma kar dekh lo,
Har jagah mehsus hogi meri kami,
Apni mehfil ko kitna bhi saja kar dekh lo…
देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता ज़रादेखना, सोच-सँभल कर ज़रा पाँव रखना,ज़ोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं.काँच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में,ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जाएगा