एक तरफ़ा ही सही,हम इश्क निभाएंगे, ♡कभी आना हमारे शहर,माँ की हाथ की चाय पिलायेंगे। 1120
एक तरफ़ा ही सही,
हम इश्क निभाएंगे, ♡
कभी आना हमारे शहर,
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
एक तो कातिल सी नज़र
ऊपर से काजल का कहर
कांटे तो नसीब में आने ही थे ।
फूल जो हमने गुलाब का चुना था ।
उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है,और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है !!
उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है,
और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है !!
आदतन तुमने कर दीए वादे,
आदतन हमने एतबार किया…
तेरी राहों में बारहाँ रुक कर,
हमने अपना ही इंतज़ार किया…
अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब,
यह गुनाह हमने जो एक बार किया…!!