लौटकर आया हूँ फिर से मैदान मै?
अंदाज वही है सिर्फ तरीका बदल गया है!
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
तरस जाओगे हमारे मुँह से सुनने को एक लव्ज़
प्यार की बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु …