मैं तो वैरागी हूं,ना सम्मान ना मोह,ना अपमान ना भय,ना शत्रु, ना कोई मित्र,ना कोई अपना ना परायाना ईश संसार से कोई लेना ना देनापर कभी धर्म के नाम पे किये जाने वालाआडम्बर पक्षपात का आधार बनेगा तोमें उसका विनाश अवश्य ही करूँगा..
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं.
हँसते हैं हंसाते हैं मेरे पापा,
मेरे लिये खुशिया लाते हॆ मेरे पापा.
जब मे रुठ जाती हूँ,
तो मनाते हे मेरे प्यारे पापा.
गुडिया हु मे पापा की,
ओर मेरे सब से प्यारे दोस्त हॆ पापा,
फादर्स डे मुबारक हो पापा