सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
खुद भी रोता है, मुझे भी रूला के जाता है
ये सावन का महीना उसकी याद दिला जाता है.
मेरे आँगन में बारिश खूब हुई मगर सावन नहीं आया,
अबके बरस फिर परदेश से लौट कर मेरा साजन नहीं आया.
भक्ति में है शक्ति बंधू,शक्ति में संसार है,त्रिलोक में है जिसकी चर्चाउन शिव जी का आज त्यौहार है..सावन के दूसरे सोमवार की बधाई..
ॐ नमः शिवायकर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होय|तीन लोक नौ खंड में,महाकाल से बड़ा न कोय..जय श्री महाकाल