रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो,
कभी मान जाया करो तो कभी मना लिया करो..
तुम क्या हो ये कुछ पता नहीं
तुम इश्कशहर हो या पूरा हिंदुस्तान हो
ओझिल जो हुआ , वो एक पल के लिएभरी महफ़िल में, मैं अकेला हुआ lबात कुछ भी, किसी से हुई,मन तलाशता हर ओर, ऐसा मेला हुआ l
अभी कांच हूँ इसलिए चुभता हूँ,
अगर हम प्यार न करते तो हुकूमत करते.