“तुम अड़े रहो नफरत करने में,हम ध्यान दे रहे हैं आसमान छूने में”
“मंजिल तो उसे एक दिन मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो लोग होते हैं जो घर से निकलते ही नहीं”
उड़ने में बुराई नहीं है, आप भी उड़ें..
लेकिन उतना ही जहाँ से जमीन साफ़ दिखाई देती हो।
शिव की शक्ति, शिव की भक्ति,
ख़ुशी की बहार मिले, शिवरात्रि के पावन अवसर पर
आपको ज़िन्दगी की एक नई अच्छी शुरुवात मिले!
HAPPY SHIVRATRI