प्यार में ना मोहे जीतना है,ना उन्हे मोहे हराना है lचलना है संग उनके ,प्यार में संग जीना है l
बीत रहा सावन बिन तेरे संग,बरस रहा बादल आसुंओ के रंग lआओ के जागे की मन में नये उमंग,हाय! ये सावन, हाय!दिल की जंग l
उम्र चाहे कितनी भी हो,सुना है दिल पे झुर्रियाँ नहीं पड़ती ।
रोज सुबह पेड़ों कोखड़े हो लगातार देखता हूँ,ये हमें सिखाते है,हर मौसम में जिंदा रह जाना l
"कैसे कहे कितनी मोह्हबत है,लफ्ज़ कम पड़ जाते है l"
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए
जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।