न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।
मिलो तो बताये हाले दिल आपसे ,खुद से ही बातें कर वक़्त गुजारते है lकई बार जाग-जाग नींद से ,तेरा नाम पुकारते है l
"मुश्किलों में जो साथ रहा है,बस वही खुदा का बंदा है l"