मैं दर्द का दरिया हूँ ,तुम सुकून का समन्दर हो जाना lडूबा लेना मुझको खुद में,मेरे लिए इश्क का कलन्दर हो जाना l
अब शामे खत्म तुमसे,अब सुबह शुरू तुमसे ,बचे निशा के कुछ पल,उसमे नींद भी तुमसे,सोयी आँखों के सपने भी तुमसे l
"मैं अक्सर उसकी बातों में आ जाता हूँ,फिर हर बार की तरह, छला जाता हूँ l"
बात कुछ भी हो, ये दिल उन्हें दूर मानता ही नहीं,कस्तूरी थी मृग के अंदर, पर वो जानता ही नहीं l
"आँखे खोलने से पहले,
तुम्हें याद कर लेता हूँ,
हर सुबह कल रात सा,
थोड़ा प्यार कर लेता हूँ l"
बीते साल को भूल जाएँ
आने वाले साल को गले लगाएँ
करते हैं हम प्रार्थना ईश्वर से
इस साल सारे सपने पूरे हों आपके
नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं