इत्तेफाक से तो नहीं,
हम दोनों टकराये
कुछ तो साजिश
खुदा की भी होगी
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
जब भी विंटर सीजन आती हैं,
कसम से तेरी याद बहुत आती हैं,
दिल सोचता है मेरा बार-बार
मेरा इनर कब लौटाओगे यार…
Happy Happy Winter Season
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..