प्रेम से सनी मिट्टी में ही...,,
विरह के पुष्प उगते हैं ...
अपेक्षाएं जहां खत्म होती हैं,सुकून वहीं से शुरू होता है !
"हर नज्म में तुमको लिखा है,हर शब्द में तुमसे मिला है,ये दिल आवरगी में भी रहा हो,कलम उठा तुमसे ही मिला है l"
कुछ कहा, अनकहा रह जाने दो,कुछ सुना, अनसुना रह जाने दो,उसी कुछ की तालाश रह जाने दो,मोह्हबत मुझे यूँ भी तुमसे निभाने दो l
"अगले पल ज़िंदगी ना जाने,कौन सा रंग दिखायेगी lहम है,रोज नये सपने खरीदते है,ना जाने वो,कैसे फ्रेम में आएगी l"