तलवार के घाव मिट जाते है
लेकिन बातों के घाव हमेशा याद रहते है…!!
एक उसे पाने की,एक उसे भुलाने की,कोशिश बेकार करता हूँ l
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ परसो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है
यूं तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैंमिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं
कहानी खत्म होती है,
मरती नहीं है,
रह जाती है हमेशा,
हर किसी के दिल में l