बचपन में मेहमान घर आते थे
तो लगता था कि...
कब खा-पीकर जेब में हाथ डाले
और बोले..
अरे बेटा जरा इधर आना तो..!!
आंधियो से कहो अपनी औकात में रहे,
पिछले हफ्ते मेरे तीन कच्छे उड़ चुके है..!!
काबिल नहीं दलित बनो
कामयाबी झक मार कर आएगी..!!