अकेलेपन से सीखी है, पर बात सच्ची है,
दिखावे को नजदीकियों से, हकीकत की दूरी अच्छी है.
यूही नही काले घेरे आंखों के नीचे बढ़ रहे है,
हम आज भी घटित हुए उस हादसे से लड़ रहे है.
क्या बताऊं तुझपर कितना भरोसा जताया था,
शादी करूंगा तुझ्से ये मैने मां को बताया था.
मोहब्बत के भरोसे मत रहना यारो,
बुरे वक्त में साथ छोड़ देती !!
जिनकी आंखे आसूं से नम नही,
क्या समझते हो उसे कोई गम नही,
तुम तड़प कर रो दिए तो क्या हुआ,
गम छुपाकर हँसने वाले भी कम नही।
उसके इंतजार के मारे हैं हम,
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम,
दुनिया जीत के कहना क्या है अब..??
जिसे दुनिया से जीतना था आज उसी से हारे हैं हम.!!