तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको,ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँही क़ैद रखना मुझे
तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको,
ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँही क़ैद रखना मुझे
आओ आगोश में कि ,इश्क का अंजाम हो जाएँ,थोड़ा बुझें थोड़ा जलें ,आज की शाम हो जाए।
आओ आगोश में कि ,इश्क का अंजाम हो जाएँ,
थोड़ा बुझें थोड़ा जलें ,आज की शाम हो जाए।
भुला कर सारे दुनिया भर के ग़मों को,तेरे आगोश में सो जाने को दिल करता है….
भुला कर सारे दुनिया भर के ग़मों को,
तेरे आगोश में सो जाने को दिल करता है….
नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती हैउन की आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं
नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है
उन की आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं