सिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती
तो माली सारे शहर का महबूब बन जाता
लौट आयेंगी खुशियाँ, अभी गमों का शोर है
संभलकर रहो यारो ये इम्तिहानों का दौर है।
"उन्हें कह दिया खुदा, तो बेवफ़ा तो ना कहेंगे,अपने ही नजरों में इश्क़ को बदनाम ना करेंगे l"
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया।