मोर की खूबसूरती सबको आकर्षित लेकिन उसके बारे में ये बातें कोई नहीं जानता हैं

Must know these important facts about peacock,

मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी होने के साथ-साथ बहुत ही मनमोहक और खूबसूरत पक्षी भी हैं. मोर के बड़े-बड़े खूबसूरत पंख हर किसी को भा जाता हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इतना खूबसूरत होने के बावजूद भी ये पक्षी सांप जैसे जहरीलें जीव को खाता हैं. मोर और सांप की दुश्मनी के बारे में आप लोग बहुत बाते जानते होंगे. मोर का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व हैं. इसे भगवान शंकर के बेटे कार्तिके का वाहन माना जाता हैं. 

साथ भगवान श्रीकृष्ण ने मोर के पंख को अपने मुकुट में स्थान दिया हैं. इन सभी के साथ मोर से जुड़ी कई सारी जरुरी बाते हैं जिनके बारे आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं. तो चलिए मोर से जुड़ी कई सारी रोचक बातों के बारे में जानते है.. 

  1. सिर्फ नर मोर को ही अंग्रेजी में पीकॉक कहा जाता हैं. मादा मोर को पीहेन्स  और उनके बच्चों को पीचीक्स और इन सभी के लिए सामूहिक शब्द पीफोल का  इस्तेमाल किया जाता है.  
  2. मोर बिना खूबसूरत पंखों के जन्म लेता है. इनके पंख 3 साल बाद आने शुरू होते है और ये केवल पुरूष मोर को ही आते है. जबकि मादा मोर बिना पंखों की होती है. 
  3. मोर नीला, ग्रे और स्लेटी होते हैं. 
  4. मोर के सुंदर और रंगीन पंखों की लंबाई छः फीट तक हो सकती हैं. जो उसके शरीर की लंबाई का लगभग 60% भी है.
  5. मजेदार बात ये है कि नीला मोर, भारत का राष्ट्रीय पक्षी है और धुमैला मोर, म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी है.
  6. बहुत कम लोग ये बात जानते है कि मोर 11 अलग-अलग तरह की आवाज़ निकाल सकता हैं.
  7. मोर 16 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज़ रफ़्तार से दौड़ सकते हैं और इतनी ही रफ्तार से उड़ भी सकते हैं. यह धरती पर सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक है.
  8. क्या आप जानते है कि मोर को पानी से डर लगता है?  मोर पानी में तुरंत डूब जाएगा क्योंकि यह तैर नहीं सकता ऐसा इसलिए क्योंकि इनके पास झल्लीदार पैर नहीं होते. 
  9. भारत सरकार ने मोर को भारतीय वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित किया गया है आप इसका शिकार नही कर सकते. 
  10. एक मोर ज्यादा से ज्यादा 20 साल तक जिन्दा रहता हैं. 
  11. मोर क्या खाता है? 
  12. मोर सर्वाहरी (पौधे और जीव-जंतु दोनों खाने वाले) होते है. यह घास, पत्ते, छिपकली, दीमक और सांप तक को भी खा जाता है. इसलिए इन्हें किसानो का अच्छा मित्र भी कहा जाता है.