लॉकडाउन के बाद घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो रांची है बेस्ट ऑप्शन

Ranchi is best for the after lockdown trip

एक बार फिर से कोरोना महामारी के चलते भारत के की हिस्सों में लॉकडाउन लग गया है. लोग एक फिर से घर में कैद होकर रह गये हैं. सारे बाजार बंद है, कई लोगों के काम बंद है, ऑफिस बंद है. तो कई लोगों का वर्क फ्रॉम होम चल रहा है. लेकिन ऐसी परिस्थिति में घर पर काम करने और कोरोना के भय से मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है. जिससे छुटकारा पाना बहुत जरूरी है और साथ ही मानसिक शांति की ज्यादा जरूरी है. इसलिए बहुत सारे लोग इंतज़ार कर रहे हैं कि कब ये लॉकडाउन खत्म हो और वो घुमने जाये. 

ऐसे में अगर आप भी लॉकडाउन के बाद कहीं घुमने जाने का मन बना रहे हैं तो आपको रांची जरूर जाना चाहिए हैं. झारखंड की राजधानी रांची प्रदेश का तीसरा सबसे फेमस शहर हैं. रांची को झरनों का शहर कहा जाता है और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का घर भी यही पर है. रांची पर्यटकों के लिए बहुत ही सुंदर शहर हैं यहां पर कई सारे झरने हैं साथ ही यहां हर साल लाखों लोग घुमने जाते हैं. इसलिए रांची लॉकडाउन के बाद यहां जाना परफेक्ट डेस्टिनेशन है. तो चलिए यहां के कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में आपको बताते हैं...

दसम जलप्रपात

रांची का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है. शहर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर यह स्थिति है. इसका उद्गम स्थल कचनी नदी है. स्थानीय भाषा में दसम का अर्थ होता है जलभराव.

टैगोर हिल

इतिहासकारों के मुताबिक गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर की पसंदीदा जगहों में से एक था ये हिल. जिसकी वजह से इसका उन्हीं के नाम पर टैगोर हिल रखा गया है. माउंटेन ट्रेकिंग करने वालों के ये बेहतर जगह है. इसकी ऊंचाई तकरीबन 300 फीट है.

रांची का सूर्य मंदिर

रांची शहर से 37 किलोमीटर दूर पर यह मंदिर स्थित है. इसे संगमरमर से बनाया गया है. इस मंदिर में 18 पहियों वाला और 7 घोड़ों वाले रथ पर भगवान सूर्य विराजमान हैं. हर साल 25 जनवरी को यहां पर मेले का आयोजन होता है.

रांची झील

रांची शहर में साल 1842 में एक झील का निर्माण किया गया था. जिसे रांची झील के नाम से जाना जाता है. इस झील में बोटिंग की सुविधा है. इसके लिए कई सारे लोग हर साल यहां आते है.

पहाड़ी मंदिर

यहाँ पर एक पहाड़ी पर भाग शिव की मूर्ति स्थापित है. जहां पर पहुंचने के लिए 300 सीढ़ियां है जिसे चढ़कर श्रद्धालु दर्शन करने जाते है. साथ ही इस पहाड़ी की ऊँचाई 2140 फीट है.