‘भेड़िया आया भेड़िया

एक गड़ेरिया  लड़का गाँव के जरा दूर पहाड़ी पर भेड़ें ले जाया करता था। उसने मजाक करने और गाँववालों को मूर्ख बनाने की सोची.  दौड़ता हुआ गाँव के अंदर आया और चिल्‍लाया, ''भेड़िया, भेड़िया! मेरी भेड़ों से भेड़िया लगा है।''

गाँव की जनता टूट पड़ी। भेड़िया खेदने के हथियार ले लिए। लेकिन वहां कोई भेड़िया नहीं था. एक दो दिन तो सभी गाँव वालों ने उसका विश्वास किया लेकिन   समझ गए की वो झूठ बोल कर शरारत करता हैं.  लोगों ने उसकी मदद करनी छोड़ दी. 

एक रोज सही-सही भेड़िया आ गया,  डरा हुआ लड़का गाँव आया और 'भेड़िया-भेड़िया' चिल्‍लाया।

गाँव के लोगों ने कहा, ''अबकी बार चकमा नहीं चलने का। चिल्‍लाता रह।''

लड़के की चिल्‍लाहट की ओर उन लोगों ने ध्‍यान नहीं दिया। भेड़िये ने उसकी भेड़ें मार डालीं, एक को भी नहीं छोड़ा