थर्मामीटर किसने बनाया? जानिए इसके बारे में

Who was the inventor of thermometer?

जब भी आपको बुखार होता हैं तो डॉक्टर उसको नापने के लिए एक खास प्रकार के यंत्र का उपयोग करते हैं. जिससे आप सभी अच्छे से परिचित हैं, उसे थर्मामीटर कहते हैं. थर्मामीटर आज के समय में बहुत ही कॉमन हैं. 

इसके बारे में बच्चे से लेकर बड़े तक जानते हैं कि इससे बुखार नापा जाता हैं. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि दुनिया में पहला थर्मामीटर किसने और कब बनाया था? इसके कितने प्रकार होते हैं? आज हम आपको इसी के बारे में बताने है रहे हैं.. 

क्या होता हैं थर्मामीटर? 

थर्मामीटर एक खास प्रकार का यंत्र होता हैं. जिसका इस्तेमाल आपके बॉडी का तापमान नापने के लिए करते हैं. ये कांच की एक पतली से नली होती हैं. जिसके अंदर एक तरल सफेद पदार्थ भरा रहता हैं. इसको पारा कहा जाता हैं. साथ ही इसके ऊपर कई सारे नंबर लिखे होते हैं. जब आपके शरीर के सम्पर्क में ये आता हैं. तो इसके अंदर का पारा ये बताता हैं कि आपको कितना बुखार हैं. इसको फ़ारेनहाइट में नापा जाता हैं. साथ ही इसे फ़ारेनहाइट, सेल्सियस, या केल्विन स्केल पर भी मापा जाता हैं. 

किसने बनाया था थर्मामीटर?

इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में गैलीलियो ने बनाया था. गैलीलियो ने वास्तव में एक थर्मोस्कोप बनाया था. लेकिन दुनिया पहला थर्मामीटर जो पारे के इस्तेमाल से चलता था. वो डच वैज्ञानिक डैनियल गेब्रियल फ़ारेनहाइट ने बनाया था. 

थर्मामीटर के प्रकार 

थर्मामीटर खासतौर पर दो प्रकार के होते हैं, एनलॉग और डिजिटल.

एनलॉग थर्मामीटर सबसे शुरूआती थर्मामीटर हैं. जो कांच के एक ट्यूब की तरह होती हैं. इसके अंदर पारा भरा होता हैं. जब ये किसी गर्म चीज के सम्पर्क में आती हैं. तो इसके अंदर का पारा ऊपर चढ़ता हैं. जहां पर बनी सेल्सियस के मार्क से तापमान का अंदाज़ा हो जाता हैं. आज इसका इस्तेमाल सिर्फ बुखार मापने के लिए किया जाता हैं. 

डिजिटल थर्मामीटर: ये एक आधुनिक थर्मामीटर हैं. जो काफी ज्यादा एडवांस हैं. इसके ऊपर सेंसर लगे होते हैं. साथ ही इसके ऊपर एक डिस्प्ले भी बना होता हैं. जहां पर नंबर के द्वारा तापमान दिखाई देता हैं. ये कई प्रकार के होते हैं. 

थर्मामीटर के नुकसान 

थर्मामीटर मानव जीवन में काफी उपयोगी चीजों में से एक हैं. लेकिन इसके नुकसान भी हैं क्योंकि इसके अंदर पारा होता हैं. ऐसे में अगर गलती से भी पारा आपके शरीर में चला जाये तो कई सारी तकलीफें हो सकती हैं.  इसलिए  जब भी थर्मामीटर का इस्तेमाल करें तो उसे अच्छे से धुल लीजिए और साथ ही ये भी देख लीजिए कि वो टूटा ना हो.