फर्क है तुम्हारे और मेरे दर्द में
तुम्हारी आँखें रोती है और हमारा दिल
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
Aankho ki gehrai ko samaz nahi sakte,honto se kuch keh nahi sakte.Kaise baya kare hum aapko yeh dil ka haal ki,tumhi ho jiske bageir hum reh nahi sakte.
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा