गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
सूरज के सामने रात नहीं होती,सितारों से दिल की बात नहीं होती,जिन दोस्तों को हम दिलसे चाहते है,न जाने क्यों उनसे रोज़ मुलाकात नहीं होती.
जीवन मेंखुशियों कीकमी नहीं हैदोस्तो.....बस खुशियोंकोमनाने काअंदाज़ होना चाहिए !!
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!