दोस्ती ज़िन्दगी का खूबशूरत लम्हा है,
जिसे मिल जाये तन्हाई में भी खुश,
जिसे न मिले भीड़ में भी अकेला.
सूरज के सामने रात नहीं होती,सितारों से दिल की बात नहीं होती,जिन दोस्तों को हम दिलसे चाहते है,न जाने क्यों उनसे रोज़ मुलाकात नहीं होती.
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
दिल टूटना सजा है महोब्बत की,दिल जोडना अदा है दोस्ती की,माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान……वो है दोस्ती हमारी…..
ज़िंदगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,आँखों में हमारी आसू है तो क्या,जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी