सादगी इतनी भी नहीं है अब बाकी मुझमें,
कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं।
सोचा था हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार करेंगे,सोचा था हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार करेंगे,मगर कम्बखत साली सड़क ही सीधी निकली ||
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..
निगाहें नाज करती है फलक के आशियाने से,खुदा भी रूठ जाता है किसी का दिल दुखाने से।
“मेरे इश्क में दर्द नहीं था पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था,
होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात,
पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था ”!