“यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते है,
तो दु:ख के सौ दिन से बच जाते है।”
नीम के पेड़ को अगर दूध और घी से भी सींचा जाये
तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता,
उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दो
वो अपनी दुष्टता नहीं त्यागता..
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
मीठी जुबान, अच्छी आदतें,
अच्छा व्यवहार और अच्छे लोग, हमेशा सम्मानित होते हैं।
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता