अरमान था तेरे साथ जिन्दगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढ़कर और क्या होगी
आज भी इंतज़ार है तेरे आने का.
जब कभी सिमटोगे तुम... मेरी इन बाहों में आकर, मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
जिस जिसका मैं हुआ नहीं
उसकी जिंदगी सवर गयी
मैं राह देखता रहा जाने किसकी
और इन्ही राहों पे ये जिंदगी गुजर गयी
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।