“Kehte hain agar kisi cheez ko dil se chaho …
to poori kainath use tumse milane ki koshish mein lag jaati hai”
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए आपका अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए आपका पत्थर दिल पिघल जाएगा
ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी ही जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।