कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
पिता के बिना जिंदगी वीरान होती है ,
तनहा सफर में हर राह सुनसान होती है ,
जिंदगी में पित क होना जरूरी है ,
पिता के साथ से हर राह आसान होती है .
हैप्पी फादर्स डे पापा
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
हमसफ़र खूबसूरत नहीं
बल्कि सच्चा होना चाहिए