तुम हंसते हो मुझे हंसने के लिए,
तुम रोटे हो तो मुझे रूले के लिए,
टीएम एक बार रूथ कर तो देखो,
मार जाएंगे तुम्हें मनाने के लिए।
Sorry
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।
मुद्दतों राब्ता नही मिलताकोई भी रास्ता नही मिलतानींद रूठी है जबसे आँखों सेख्वाबों से वास्ता नही मिलता..
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”