तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती हैं
एक पल की भी जुदाई मुद्दत सी लगती हैं
पहले नहीं सोचा था अब सोचने लगे हैं
जिंदगी में हर पल तेरी जर्रूरत सी लगती है
जिंदगी बहुत खूबसूरत है सब कहते थे
जिस दिन तुझे देखा तो मुझे
यकीन भी हो गया…
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..